World Asthma Day 2023: बारिश के मौसम में सावधान रहें अस्थमा के मरीज, हमेशा पास रखें ये एक चीज
बारिश में मौसम में नमी होने और धूप की कमी अस्थमा को ट्रिगर कर सकती है. ऐसे में अस्थमा अटैक का खतरा बढ़ जाता है. यहां जानिए इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए.
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सर्दी और बारिश का मौसम अस्थमा के मरीजों के लिए परेशानी बढ़ाने वाला होता है. सर्दियां तो बीत चुकी हैं, लेकिन आजकल बेमौसम बारिश के कारण अचानक से मौसम का मिजाज बदल रहा है. बारिश में मौसम में नमी होने और धूप की कमी अस्थमा को ट्रिगर कर सकती है. ऐसे में अस्थमा अटैक का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में ज्यादातर विशेषज्ञ अस्थमा मरीजों को इन्हेलर हमेशा पास में रखने की सलाह देते हैं. चेस्ट कंसल्टेंट व अस्थमा भवन जयपुर की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. निष्ठा सिंह कहती हैं कि अस्थमा के तमाम मरीज इन्हेलर अपने पास तो रखते हैं, लेकिन उन्हें इसका सही इस्तेमाल करना नहीं आता. आज विश्व अस्थमा दिवस के मौके पर आपको बताते हैं अस्थमा के मरीजों के लिए इन्हेलर कितना जरूरी है और इसको इस्तेमाल करने का सही तरीका क्या है.
अस्थमा के मरीजों के लिए क्यों जरूरी है इन्हेलर
निष्ठा सिंह का कहना है कि अस्थमा मरीजों के लिए इन्हेलर एक दोस्त की तरह है, जिसे उन्हें हमेशा अपने साथ रखना चाहिए. मॉनसून और सर्दी के मौसम में तो इसे पास रखना और भी जरूरी हो जाता है क्योंकि इस मौसम में ठंडक और नमी के कारण रोगी की सांस नलिकाओं में संकुचन होने का रिस्क बढ़ जाता है. अगर जुकाम और कफ की समस्या हो गई तो दिक्कत और ज्यादा बढ़ सकती है. ऐसे में कई बार सांस नली बेहद पतली या ब्लॉक हो जाती है. इस स्थिति में मरीज को बहुत छोटी-छोटी सांसें आती हैं और उसका दम घुटने लगता है. इसे ही अस्थमा अटैक कहा जाता है. ऐसे में इन्हेलर ही स्थिति को कंट्रोल करता है.
कैसे काम करता है इन्हेलर
अस्थमा अटैक आने पर इन्हेलर के जरिए मरीज के शरीर में दवा पहुंचती है जिससे उसकी सिकुड़ी हुई सांस नलियां वापस अपने स्वरूप में आ जाती हैं और मरीज को एकदम से आराम महसूस होता है. लेकिन इन्हेलर का सही तरीके से लाभ लेने के लिए उसे लेने का तरीका मालूम होना बहुत जरूरी है. सही तरीके से इन्हेलर का इस्तेमाल करने से दवा ठीक तरह से फेफड़ों तक पहुंच पाती है.
ये है इन्हेलर लेने का सही तरीका
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डॉ. निष्ठा सिंह आगे कहती हैं कि जिस तरह किसी बर्तन को भरने के लिए उसका खाली होना जरूरी होता है, यही तरीका इन्हेलर लेने का होता है. इसके लिए सबसे पहले सांस को छोड़कर फेफड़ों को पूरा खाली करें. अब इन्हेलर मुंह पर लगाकर सांस को खींचें. दस सेकंड तक सांस को रोककर रखें, ताकि दवा अपना असर दिखा सके. इसके बाद नाक से सांस को छोड़ दें. इन्हेलर लेने के बाद कुल्ला जरूर करें वरना दवा की गर्मी से मुंह में छाले व ड्राइनेस की समस्या हो सकती है.
ये बातें रखें याद
ठंडक के अलावा अस्थमा के मरीजों में अस्थमा अटैक कारण धूल के कण, धुआं, सीलन, धूम्रपान, पालतू जानवर के फर, जुकाम, कफ की अधिकता आदि को माना जाता है. ऐसे में मरीजों को इन चीजों से बचकर रहना चाहिए.
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